नयी दिल्ली : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के आवास पर इस साल की शुरुआत में हुई एक सुरक्षा चूक की जांच के बाद केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के तीन कमांडो को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया, जबकि बल की ‘वीआईपी’ सुरक्षा इकाई के दो वरिष्ठ अधिकारियों को हटा दिया गया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

डोभाल (77) को केंद्रीय अति विशिष्ट व्यक्ति (वीआईपी) सुरक्षा सूची के तहत ‘जेड प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है। उन्हें सीआईएसएफ की विशेष सुरक्षा समूह (एसएसजी) इकाई द्वारा सुरक्षा कवर मुहैया कराया गया है।

देश के किसी हिस्से की यात्रा के दौरान एनएसए की सुरक्षा करने के अलावा अर्द्धसैनिक बल के कमांडो उनके सरकारी आवास की पहरेदारी करते हैं।

सुरक्षा चूक की यह घटना 16 फरवरी को हुई थी। सीआईएसएफ द्वारा की गई जांच में विभिन्न आरोपों में पांच अधिकारियों को दोषी पाए जाने और उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश किये जाने के बाद यह दंडात्मक कार्रवाई की गई है।

अधिकारियों ने बताया कि एसएसजी के तीन कमांडो को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया, जबकि इस सुरक्षा इकाई का नेतृत्व कर रहे उप महानिरीक्षक (डीआईजी) कौशिक गांगुली और उनके पद के ठीक नीचे के कमांडेंट रैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी नवदीप सिंह हीरा को हटा दिया गया है।

उन्होंने बताया कि इन दोनों अधिकारियों की जगह हाल में अन्य अधिकारियों को एसएसजी में पदस्थ किया गया।

सीआईएसएफ या सरकारी सूत्रों ने तीन कमांडो और दो अधिकारियों को दोषी करार दिये जाने का सटीक आधार नहीं बताया है।

जिन तीन कमांडो को बर्खास्त किया गया है वे सुरक्षा प्रदान करने के लिए उस दिन एनएसए के आवास पर मौजूद थे।

गौरतलब है कि 16 फरवरी की सुबह करीब साढ़े सात बजे लाल रंग की एक एसयूवी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल) चला रहे बेंगलुरू के एक व्यक्ति ने मध्य दिल्ली स्थित डोभाल के उच्च सुरक्षा वाले आवास में जबरन घुसने का प्रयास किया था।

सुरक्षा में सेंध लगाने वाले व्यक्ति को एनएसए के आवास के बाहर पकड़ लिया गया और उसे दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया था।