नयी दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शहर में मानसून की पहली बारिश के बाद जलभराव की स्थिति का जायजा लेने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की और बारिश के बाद की गई कार्रवाई का विस्तृत विवरण मांगा।

उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार को पूरे शहर में घंटों बारिश हुई, लेकिन लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), नगर निगम (एमसीडी), सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों की सतर्कता के साथ ही पिछले एक साल में बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए उठाए गए कदमों को देखते हुए अधिकांश जगहों पर लोगों को जलभराव का सामना नहीं करना पड़ा।

सिसोदिया के हवाले से एक बयान में कहा गया, ‘‘पिछले साल तक गंभीर जलभराव वाले क्षेत्रों के रूप में उभरे सात प्रमुख स्थानों में से छह स्थानों को इस साल किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा। ये छह स्थान आईटीओ-डब्ल्यूएचओ भवन, मिंटो ब्रिज, जखीरा अंडरपास, जहांगीरपुरी मेट्रो स्टेशन रोड, कराला कंझावाला रोड और लोनी के आसपास का इलाका शामिल है।’’

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इन छह स्थानों पर पहले भीषण जलभराव हुआ करता था।