नयी दिल्ली : सूचना एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बृहस्पतिवार को कहा कि दिल्ली में स्थित अग्रणी अस्पताल एम्स के सर्वर पर हुए 'जानबूझकर एवं लक्षित' साइबर हमले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) जांच कर रही है।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम में शिरकत करने आए चंद्रशेखर ने एम्स अस्पताल के सर्वर पर हुए साइबर हमले के बारे में पूछे जाने पर अलग से बातचीत में कहा, "इसकी जांच एनआईए कर रही है लिहाजा मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता। लेकिन यह साफ है कि यह सोचा-समझा हुआ एवं निशाना बनाकर किया गया हमला है। एम्स के सिस्टम पर हुए हमले की एनआईए पड़ताल कर रही है।"

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सर्वर पर गत 23 नवंबर को एक रैंसमवेयर हमला हुआ था। साइबर हमलावरों के खिलाफ उगाही एवं साइबर आतंकवाद का मामला दर्ज किया गया है।

इसके पहले, चंद्रशेखर ने सीआईआई के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि डिजिटल इंडिया विधेयक का प्रारूप इस महीने के अंत तक जारी कर दिया जाएगा जिस पर लोग अपनी राय दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस विधेयक को बदले हुए समय की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।

डिजिटल इंडिया विधेयक 22 साल पुराने सूचना प्रौद्योगिकी विधेयक की जगह लेगा

सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया विधेयक और हाल ही में जारी व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक मिलकर उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षित करेंगे और नवाचार को भी गति देने में योगदान देंगे।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ‘स्मार्ट वाच’ जैसे प्रौद्योगिकी से लैस ‘वियरेबल’ उपकरणों के लिए भी उत्पादन-संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना लाने की तैयारी चल रही है। उन्होंने वियरेबल यानी पहनने वाले उत्पादों को इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में सबसे तेजी से बढ़ने वाला खंड बताया।