नयी दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि भारत और जिम्बाब्वे को द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए अधिक प्रयास करने चाहिए तथा अपने सांसदों के बीच संवाद बढ़ाना चाहिए।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, राष्ट्रपति ने जिम्बाब्वे की संसद के स्पीकर एडवोकेट जैकब फ्रांसिस न्ज्विदामिलिमो मुडेंडा की अगुवाई में एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत में ये टिप्पणियां की। इस प्रतिनिधिमंडल ने यहां राष्ट्रपति भवन में मुर्मू से मुलाकात की।

राष्ट्रपति भवन में प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए मुर्मू ने कहा कि भारत और जिम्बाब्वे के बीच के संबंध सदियों पुराने हैं और जिम्बाब्वे में भारतीय मूल के लगभग 9,000 लोगों की उपस्थिति, हमारे लोगों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है।

राष्ट्रपति ने इस पर खुशी जतायी कि जिम्बाब्वे के साथ भारत के आर्थिक संबंध अच्छी तरह से आगे बढ़ रहे हैं।

भारतीय कंपनियों ने जिम्बाब्वे में लगभग 50 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। भारत ने जिम्बाब्वे को पांच ऋण सुविधाएँ (लाइन ऑफ क्रेडिट) प्रदान की हैं और एक व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र भी स्थापित किया है।

विज्ञप्ति के अनुसार, मुर्मू को यह जानकर भी खुशी हुई कि भारत की आईटीईसी और आईसीसीआर छात्रवृत्तियां, जिम्बाब्वे के लोगों के बीच लोकप्रिय हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ हमें अपने द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के लिए और प्रयास करने चाहिए।’’

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। हमारा मजबूत और जीवंत लोकतंत्र जमीनी स्तर से शुरू होता है। यह वास्तव में इस देश के लोगों का प्रतिनिधित्व करता है।’’

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस यात्रा के दौरान प्रतिनिधिमंडल को भारत की लोकतांत्रिक प्रणालियों के बारे में और जानकारियां प्राप्त होंगी।