नयी दिल्ली : आभूषण और उद्योग विशेषज्ञों ने शुक्रवार को कहा कि सोने पर आयात शुल्क बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने से तस्करी को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने सरकार से सोने पर शुल्क दर की समीक्षा करने का आग्रह किया।

सोने के बढ़ते आयात और चालू खाते के घाटे (सीएडी) पर अंकुश लगाने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने पीली धातु पर आयात शुल्क को 10.75 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया। यह फैसला तीस जून से प्रभावी है।

अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) के अध्यक्ष आशीष पेठे ने कहा, ‘‘सोने के आयात शुल्क में अचानक बढ़ोतरी ने हमें आश्चर्यचकित कर दिया है। हम भारतीय डॉलर के मुकाबले रुपये के संबंध में सरकार की स्थिति को समझते हैं। लेकिन यह बढ़ोतरी पूरे उद्योग को प्रभावित करेगा और इससे तस्करी को प्रोत्साहन मिल सकता है।’’ उन्होंने कहा कि जीजेसी घरेलू उद्योग के पक्ष में स्थिति को सुलझाने के लिए सरकार के साथ बातचीत करेगी।

विश्व स्वर्ण परिषद के क्षेत्रीय सीईओ (भारत) सोमसुंदरम पीआर ने कहा कि भारत में सोने की मांग ज्यादातर आयात के माध्यम से पूरी की जाती है, इस कारण कई बार भारतीय रुपये की विनिमय दर में गिरावट से कुछ समस्या बढ़ जाती है।

उन्होंने कहा कि उच्च मुद्रास्फीति और बढ़ते व्यापार असंतुलन के बीच रुपये की विनिमय दर इस सप्ताह की शुरुआत में रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि सोने पर आयात शुल्क में वृद्धि का उद्देश्य सोने के आयात को कम करना और रुपये पर वृहद आर्थिक दबाव को कम करना है।

सोमसुंदरम ने कहा, ‘‘हालांकि, सोने पर कुल कर अब 14 प्रतिशत से बढ़कर 18.45 प्रतिशत हो गया है और अगर यह कदम रणनीतिक या अस्थायी नहीं है तो इसके कारण सोने के बाजार पर दीर्घकालिक प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और इससे कालीबाजारी बढ़ेगी।’’ मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स के चेयरमैन अहमद एमपी ने कहा कि कर चोरी और तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए हाल के दिनों में सोने पर आयात शुल्क कम किया गया था। उन्होंने कहा, 'लेकिन आयात शुल्क में ताजा बढ़ोतरी से फिर से तस्करी को बढ़ावा मिलेगा। हम सरकार से सोने पर आयात शुल्क वृद्धि की समीक्षा करने का आग्रह करते हैं।' पीएनजी जूलर्स के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सौरभ गाडगिल ने कहा, 'ऐसे समय में जब उद्योग सोने पर शुल्क कम करने पर जोर दे रहा था, पीली धातु के आयात पर शुल्क में पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी आश्चर्यजनक है।

उन्होंने कहा कि हालांकि इस बढ़ोतरी से अंतिम उपभोक्ता ज्यादा प्रभावित नहीं होंगे, लेकिन व्यापार प्रभावित हो सकता है।