गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने उनपर पीपीई किट्स की खरीद में कथित भ्रष्टाचार करने के लगाए गए आरोपों को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाया है। सरमा के वकील देवोजीत सैकिया ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि सरमा ने खुद पर लगे इन आरोपों को निराधार बताते हुए सिसोदिया के खिलाफ यह मुकदमा दर्ज करवाया है।

सिसोदिया ने सरमा पर कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान असम में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों को बाजार से अधिक कीमतों पर पीपीई किट्स की आपूर्ति करने का आरोप लगाया था।

सिसोदिया के खिलाफ यह मुकदमा कामरूप ग्रामीण जिले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में बृहस्पतिवार को दर्ज किया गया। मामले को शिकायतकर्ता का प्रारंभिक बयान दर्ज करने के लिए 22 जुलाई को सूचीबद्ध किया गया है।

सरमा पर आरोप है कि उनकी पत्नी रिंकी भुइयां सरमा के स्वामित्व वाली कंपनी जेसीबी इंडस्ट्रीज ने कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान असम में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों को ‘‘बाजार से अधिक कीमत’’ पर पीपीई किट्स की आपूर्ति करवाई की थी।

सरमा के वकील देवोजीत सैकिया ने कहा, “मनीष सिसोदिया ने चार जून को नयी दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान उनके मुवक्किल हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। उन्होंने विशेष रूप से दावा किया था कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने सरमा की पत्नी के सह-स्वामित्व वाली कंपनी से अधिक कीमत पर पीपीई किट की खरीद की थी। यह खरीद 2020 में कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान की गई थी। उस समय सरमा असम के स्वास्थ्य मंत्री थे।”

सैकिया ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा, "सरमा ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से व्यथित होने और बाद में मामले पर कोई स्पष्टीकरण नहीं मिलने पर आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज करने का फैसला किया है।"

उन्होंने दावा किया कि जेसीबी इंडस्ट्रीज ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को ये पीपीई किट दान में दिए थे।