नयी दिल्ली : विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने नवंबर में भारतीय वित्तीय सेवा क्षेत्र में 14,205 करोड़ रुपये (2.1 अरब डॉलर) का शुद्ध निवेश किया है, जिससे यह क्षेत्र एक बेहतर स्थिति में रहा।

अक्टूबर में मुनाफावसूली के चलते एफपीआई के वित्तीय सेवा क्षेत्र से 4,686 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी करने के बाद नवंबर में तगड़ा निवेश आया है।

नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के आंकड़ों से पता चलता है कि एफपीआई ने नवंबर में कुल मिलाकर घरेलू इक्विटी बाजारों में 36,238 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। इनमें से 14,205 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश सिर्फ वित्तीय सेवा क्षेत्र में रहा है। यह इक्विटी में एफपीआई द्वारा किए गए कुल मासिक निवेश का 39 प्रतिशत रहा। अधिकांश खरीद नवंबर के पहले पखवाड़े में हुई।

स्टॉक्सबॉक्स के शोध प्रमुख मनीष चौधरी ने कहा कि वित्तीय सेवा क्षेत्र अब कमजोर दौर से उबर रहा है और ऋण वृद्धि एवं प्रबंधनीय गैर-निष्पादित ऋण पोर्टफोलियो में मजबूत वृद्धि होने से इसके प्रदर्शन में सुधार आया है।

बजाज कैपिटल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक राजीव बजाज ने कहा कि ऋण वृद्धि दर 17 प्रतिशत रही है। वहीं कंपनियों का पूंजी व्यय एक दशक के निचले स्तर पर रहने के बाद धीरे-धीरे सुधर रहा है और शुरुआती संकेत काफी उत्साहजनक हैं।

नवंबर के अंत में वित्तीय सेवा क्षेत्र के पास 16.13 लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्ति थी।

एफपीआई निवेश आकर्षित करने के मामले में दैनिक उपभोग के उत्पाद बनाने वाला एफएमसीजी क्षेत्र 3,956 करोड़ रुपये के शुद्ध निवेश के साथ दूसरे सबसे पसंदीदा क्षेत्र के रूप में उभरा है। सूचना प्रौद्योगिकी में 3,859 करोड़ रुपये, वाहन उद्योग में 3,051 करोड़ रुपये और तेल और गैस क्षेत्र में 2,774 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश रहा।