नयी दिल्ली/तिरुवनंतपुर : भारत में सोमवार को मंकीपॉक्स का छठा मामला सामने आया। दिल्ली में 35 वर्षीय एक नाइजीरियाई व्यक्ति में संक्रमण की पुष्टि हुई। वहीं, देश में मंकीपॉक्स से मौत का पहला मामला केरल में दर्ज किया गया। भारत में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने स्थिति पर नजर रखने के लिए एक कार्यबल गठित किया।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सोमवार को राजस्थान में भी मंकीपॉक्स का पहला संदिग्ध मरीज मिला। उन्होंने बताया कि राज्य में 20 वर्षीय एक युवक को पिछले चार दिनों से बुखार और शरीर पर दाने होने की शिकायत के बाद एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में सोमवार को मंकीपॉक्स का दूसरा मामला दर्ज किया गया। हालांकि, जिस नाइजीरियाई व्यक्ति में संक्रमण की पुष्टि हुई, उसका हाल-फिलहाल में विदेश यात्रा करने का कोई इतिहास नहीं है।

सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मंकीपॉक्स से संक्रमित मिले नाइजीरियाई व्यक्ति को सरकारी एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जो राष्ट्रीय राजधानी में इस संक्रमण के इलाज के लिए नोडल अस्पताल है।

सूत्रों के मुताबिक, नाइजीरियाई व्यक्ति पिछले पांच दिनों से बुखार से जूझ रहा है और उसके शरीर पर दाने भी हैं।

उन्होंने बताया कि संक्रमित के हाल-फिलहाल में विदेश या देश में यात्रा करने का कोई इतिहास नहीं है।

सूत्रों के अनुसार, नाइजीरियाई व्यक्ति के नमूने पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) भेजे गए थे और सोमवार शाम आई जांच रिपोर्ट से उसमें संक्रमण की पुष्टि हो गई।

उन्होंने बताया कि एलएनजेपी अस्पताल में अफ्रीकी मूल के दो और संदिग्ध मरीजों को भी भर्ती कराया गया है।

वहीं, केरल सरकार ने सोमवार को पुष्टि की कि 30 जुलाई को 22 वर्षीय जिस व्यक्ति की मौत हुई थी, वह मंकीपॉक्स से संक्रमित था। इस तरह देश में मंकीपॉक्स से यह पहली मौत है।

राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने तिरुवनंतपुरम में संवाददाताओं से कहा कि एनआईवी, पुणे को भेजे गए नमूनों में संक्रमण की पुष्टि हुई और मृतक वायरस के पश्चिम अफ्रीकी स्वरूप से संक्रमित था।

विजयन ने कहा कि 22 जुलाई को केरल पहुंचा यह व्यक्ति इससे पहले 19 जुलाई को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में मंकीपॉक्स से संक्रमित मिला था।

राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘उसकी (संबंधित व्यक्ति) तबीयत बिगड़ने के बाद उसे 27 जुलाई को त्रिशूर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उसके रिश्तेदारों ने यूएई से मिली जांच रिपोर्ट के बारे में 30 जुलाई को अस्पताल के अधिकारियों को सूचित किया।’’

जॉर्ज ने कहा कि संबंधित व्यक्ति के परिवार के सदस्यों, दोस्तों, एक सहायक और फुटबॉल खेलने वालों सहित 20 लोग उसके साथ उच्च जोखिम श्रेणी के संपर्क में आए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक उच्चस्तरीय राज्य चिकित्सा बोर्ड द्वारा विस्तृत जांच की जाएगी।

जॉर्ज ने रविवार को कहा था कि मरीज युवा है और उसे कोई अन्य बीमारी या स्वास्थ्य समस्या नहीं है तथा इसलिए स्वास्थ्य विभाग उसकी मौत के कारणों की जांच कर रहा है।