नयी दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को एलान किया कि दिल्ली सरकार शहर के 50 केंद्रों पर ‘‘अंग्रेजी बोलने का कोर्स’’ शुरू करेगी।

केजरीवाल ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पहले चरण में एक लाख विद्यार्थियों को इस कार्यक्रम में दाखिला दिया जाएगा, जहां प्रशिक्षण देकर उनके अंग्रेजी में संवाद के कौशल में सुधार किया जाएगा।

केजरीवाल ने कहा, ‘‘‘स्पोकन इंग्लिश प्रोग्राम’ के पहले चरण में, हम 50 केंद्रों में यह पाठ्यक्रम शुरू करेंगे जिसमें एक लाख लोगों को दाखिला दिया जाएगा। 12वीं पास 18-35 आयु वर्ग का कोई भी व्यक्ति इस कार्यक्रम का हिस्सा बन सकता है। इस कार्यक्रम से उन्हें नौकरियां मिलने और उनके व्यक्तित्व को निखारने में मदद मिलेगी।’’

इसके बाद जारी बयान में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने स्पष्ट किया कि 12 कक्षा उत्तीर्ण कर चुका 16 से 35 साल उम्र का कोई भी व्यक्ति इस पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कोर्स के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा, लेकिन शुरुआत में लोगों को धरोहर राशि के तौर पर 950 रुपये जमा कराने होंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘यह धरोहर राशि पूर्ण उपस्थिति के साथ कोर्स सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद लौटा दी जाएगी। यह तीन-चार महीने का कोर्स होगा और इसमें सप्ताहांत और कामकाजी युवाओं के लिए शाम की पाली में पढ़ाई करने के भी विकल्प होंगे।’’

केजरीवाल ने कहा कि दाखिला लेने के लिए अंग्रेजी की सामान्य समझ होनी चाहिए और आठवीं कक्षा तक अंग्रेजी भाषा पढ़ी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार का दिल्ली कौशल उद्यमिता विश्वविद्यालय इस कोर्स का संचालन करेगा। उन्होंने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम होगा क्योंकि कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय इसका मूल्यांकन करेगा।

बाद में जारी बयान में केजरीवाल के हवाले से कहा गया कि सरकार ने पाया कि निम्न मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग के परिवारों को अंग्रेजी बोलने में समस्या होने की वजह से नौकरी प्राप्त करने में मुश्किल आती है।

उन्होंने कहा,‘‘दिल्ली के युवाओं को इस कोर्स से उल्लेखनीय लाभ होगा। हमारा सपना देश के सभी बच्चों का अच्छी शिक्षा मुहैया कराना है। वंचित वर्ग के बच्चों को किसी तरह की कमी का सामना नहीं करना चाहिए और यह कोर्स इस दिशा में बड़ा कदम है।’’

इसमें कहा गया कि पहले चरण में सरकार 50 समर्पित प्रशिक्षण केंद्र खोलेगी और इसके बाद इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी।

बयान के मुताबिक, ‘‘दिल्ली सरकार मैकमिलन ऐंड वर्ड्सवर्थ के साथ कार्यक्रम के लिए समझौता करेगी। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय इस कार्यक्रम के प्रभाव का मूल्यांकन करेगा।’’