नयी दिल्ली, : सरकार ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि 2004-05 से 2013-14 के बीच चीन के साथ व्यापार घाटे में 2346 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि उसके बाद से 2021-22 तक इसमें 100 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि 2004-05 में चीन के साथ व्यापार घाटा 1.48 अरब अमेरिकी डॉलर था जो 2013-14 में बढ़कर 36.21 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया और इस प्रकार इसमें 2346 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

उन्होंने कहा कि 2021-22 में चीन के साथ व्यापार घाटा करीब 100 प्रतिशत बढ़कर 73.31 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया।

गोयल ने कहा कि चीन से आयातित ज्यादातर उत्पाद पूंजीगत सामान, मध्यवर्ती सामान और कच्चा माल हैं तथा भारत में इलेक्ट्रोनिक्स, दूरसंचार एवं बिजली जैसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों की मांग को पूरा करने के लिए उनका उपयोग किया जाता है।

उन्होंने हालांकि कहा कि आयात पर निर्भरता कम करने के लिए सरकार ने ‘पीएलआई’ योजना सहित कई कदम उठाए हैं जिनके परिणाम सामने आने लगे हैं।