कल से प्रदर्शित होने जा रही तेलुगु फिल्म विराट पर्वम को लेकर एक बहस छिड़ी है। इस बहस और विवाद की जड़ में है ​इस फिल्म में हत्यारे नक्सलियों का कथित महिमामंडन। फिल्म में मुख्य भूमिका बाहुबली से मशहूर हुए अभिनेता राणा दग्गूबाती निभा रहे हैं इसलिए यह फिल्म आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में ही नहीं, बल्कि देश भर में विवाद खड़ा कर रही है।

राणा दग्गूबाती एसएस राजामौली की बाहुबली फिल्म में भल्लालदेव की भूमिका में दिखे थे। उस फिल्म के दोनों भागों में वे इतने मशहूर हुए थे कि भारत में घर-घर में उनकी चर्चा होने लगी थी। बेशक, राणा दक्षिण के एक शानदार अभिनेता हैं, लेकिन बाहुबली के हिन्दी संस्करण ने उन्हें पूरे भारत में पहुंचा दिया था। अब इन्हीं राणा की नई फिल्म ‘विराट पर्वम’ 17 जून को प्रदर्शित होने जा रही है। नक्सली कथानक को कथित तौर पर ‘आदर्श’ दिखाने की वजह से अभी से इसका विरोध होने लगा है।

फिल्म का जो ट्रेलर जारी हुआ है उसे देखे तो राणा ने मुख्य चरित्र ‘रावण’ का किरदार निभाया है जो एक नक्सली नेता है। वहीं अभिनेत्री साई पल्लवी गांव में सबकी दुलारी लड़की की भूमिका निभा रही हैं। इस लड़की को रावण के लिखे लेखों आदि बहुत पसंद हैं और नतीजा यह होता है कि अंतत: उसे रावण से प्रेम हो जाता है। उसके साथ और उसके लिखे से जुड़ने के लिए वह खुद भी नक्सली बन जाती है।

भारत में नक्सलियों ने किस तरह खूनी खेल चलाया हुआ है, उसे सब जानते हैं। वामपंथी सोच से प्रभावित इन हत्यारों ने गरीबों और वंचितों तक को नहीं बख्शा है। एक से एक हत्याकांडों से देश को अस्थिर करने में इन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी है। आज के दौर में इनके हत्यावाद की असलियत सब पहचानते हैं। इस आंदोलन की जड़ में ही हिंसा, नरसंहार है। हालांकि नक्सली आतंकी हमेशा नक्सल आंदोलन को ‘न्याय तथा समानता के लिए संघर्ष’ बताते हैं।