मुंबई: करों में कटौती के कारण केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क संग्रह पर पड़ने वाले असर के बावजूद 2022-23 में अप्रत्यक्ष कर के मोर्चे पर राजस्व वृद्धि के लक्ष्य को पाने में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में हुई वृद्धि से मदद मिलेगी। एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह कहा।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड के चेयरमैन विवेक जौहरी ने कहा कि सरकार ने करों में जो कटौती की है उससे सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क संग्रह चालू वित्त वर्ष में चुनौतीपूर्ण रहने वाला है।

सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 को लागू हुए 60 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में जौहरी ने कहा, ‘‘अप्रत्यक्ष कर के लक्ष्य की बात करें तो मुझे पूरा भरोसा है कि हम इसे पा लेंगे। हम सही राह पर हैं।’’

जौहरी ने कहा कि ज्यादातर वृद्धि जीएसटी से आ रही है जिससे मिलने वाला राजस्व बीते दो महीनों में काफी अच्छा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘जीएसटी में मिल रही वृद्धि को देखते हुए मेरा मानना है कि हम राजस्व लक्ष्य को पा लेंगे।’’