नयी दिल्ली : केंद्रीय शिक्षा मंत्री तथा कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेन्‍द्र प्रधान ने भारत में 2023 में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों पर बुधवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की।

शिक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘‘ जी20 में शिक्षा, प्राथमिकताओं वाले क्षेत्र में एक अहम क्षेत्र है। ऐसे में यह जरूरी है कि जी20 शिखर बैठक से पहले इस दिशा में व्यापक तैयारियां की जाएं । इस समूह की भारत की अध्यक्षता, शिक्षा के क्षेत्र में उपलब्धियों को प्रदर्शित करने का अवसर भी है।’’

उन्होंने कहा कि हमारे पास यह बताने का भी अवसर होगा कि भारत ने शिक्षा के क्षेत्र में, विशेष रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के बाद क्या हासिल किया है।

प्रधान ने यह भी कहा कि भारत शिक्षा का एक नया मॉडल पेश करेगा जो सभी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक वैश्विक मॉडल हो सकता है। उन्‍होंने सम्‍मेलन की सफलता के लिए छात्रों, शैक्षणिक और कौशल संस्‍थानों को शामिल करने का आह्वान किया।

शिक्षा मंत्री ने भारतीय ज्ञान प्रणालियों की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने और प्रतिभागियों को विश्व में भारत के योगदान से अवगत कराने का भी सुझाव दिया।

मंत्रालय के बयान के अनुसार, शिक्षा कार्य समूह जी20 शिक्षा मंत्रियों की 28 जून 2023 को होने वाली बैठक के लिए शिक्षा और डिजिटल प्रौद्योगिकी की भूमिका और काम के भविष्य पर सेमिनार आयोजित करेगा।

बयान के अनुसार, प्राथमिकता वाले विभिन्न क्षेत्रों में एनसीईआरटी, आईआईएससी, एनएसडीसी, आईआईटी मद्रास, आईआईटी हैदराबाद, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, यूनेस्को, यूनिसेफ आदि जैसे संस्थान ज्ञान भागीदार हैं।

ज्ञात हो कि इंडोनेशिया ने बुधवार को बाली में हुए बाली शिखर सम्मेलन के समापन के साथ ही आने वाले साल के लिए भारत को जी20 की अध्यक्षता सौंपी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिए गर्व की बात बताया।

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने एक संक्षिप्त समारोह में प्रधानमंत्री मोदी को जी20 की अध्यक्षता सौंपी। भारत एक दिसंबर से औपचारिक रूप से जी-20 की अध्यक्षता संभालेगा और देश भर में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

इसमें शिक्षा के तहत प्राथमिकता वाले चार क्षेत्र हैं जिसमें विशेष रूप से मिश्रित शिक्षा के संदर्भ में मूलभूत साक्षरता और गणना सुनिश्चित करना, काम के भविष्य के संदर्भ में आजीवन सीखने को बढ़ावा देने वाली क्षमता का निर्माण, हर स्तर पर तकनीकी सक्षम शिक्षा को अधिक समावेशी, गुणात्मक और सहयोगी बनाना तथा समृद्ध सहयोग के माध्यम से अनुसंधान को मजबूत करना, एवं नवाचार को बढ़ावा देना शामिल है ।