नयी दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने शुक्रवार को 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम घोषित किए, जिसमें लड़कियों ने लड़कों से बाजी मारी। हालांकि, पिछले साल के 99.37 प्रतिशत के मुकाबले इस साल 92.71 प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं।

सीबीएसई ने पिछले साल विशेष आकलन योजना के आधार पर परिणाम घोषित किए थे क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण परीक्षाएं नहीं करायी जा सकी थीं। लेकिन इस बार परीक्षाएं दो सत्रों में आयोजित की गयीं।

सीबीएसई ने कहा कि 2020 में पास प्रतिशत 88.78 फीसदी था जबकि 2019 में यह 83.40 फीसदी था।

बोर्ड ने इस साल भी मेरिट लिस्ट की घोषणा नहीं की है। वह 2020 से मेरिट लिस्ट जारी नहीं कर रहा है जब महामारी के कारण स्कूल बंद कर दिए गए थे।

कुछ छात्रों और स्कूलों ने दावा किया कि उन्हें आधिकारिक घोषणा से काफी पहले नतीजे मिल गए थे।

इस साल 94.54 प्रतिशत लड़कियों ने परीक्षा पास की है जबकि 91.25 प्रतिशत लड़के सफल हुए हैं। ट्रांसजेंडर विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम 100 फीसदी रहा। कुल 33,432 छात्रों ने 95 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए है जबकि 1,34,797 छात्रों ने 90 फीसदी अंक हासिल किए। साथ ही कुल 67,000 छात्रों को पूरक आया है।

सीबीएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘बोर्ड समिति ने समिति की सिफारिशों पर विस्तारपूर्वक विचार-विमर्श किया। सिफारिशों को स्वीकार करने का फैसला किया गया और प्रथम सत्र के अंकों को 30 प्रतिशत का महत्व तथा द्वितीय सत्र के अंकों को 70 प्रतिशत महत्व दिया गया। प्रैक्टिकल पेपर (व्यावहारिक परीक्षा) के लिए भी दोनों सत्रों में इसी तरीके से अंकों को महत्व दिया गया है।’’

जवाहर नवोदय विद्यालयों ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया और उसके 98.93 प्रतिशत छात्रों ने परीक्षा पास कर ली। इसके बाद केंद्रीय तिब्बत स्कूल प्रशासन (सीटीएसए) द्वारा संचालित स्कूलों के 97.96 प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए, केंद्रीय विद्यालयों के 97.04 प्रतिशत, सरकार द्वारा सहायता प्राप्त स्कूलों के 94.81 प्रतिशत, सरकारी स्कूलों के 93.38 प्रतिशत और निजी स्कूलों के 92.20 प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए।