रायपुर : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यालय में तैनात उप सचिव सौम्या चौरसिया कथित कोयला लेवी घोटाले के मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी के संपर्क में रही हैं।

धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) मामलों की एक विशेष अदालत ने केंद्रीय एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद चौरसिया को शुक्रवार को चार दिन की ईडी की हिरासत में भेज दिया।

निदेशालय ने चौरसिया की हिरासत का अनुरोध करते हुए दावा किया कि उसके पास यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि उनके और सूर्यकांत तिवारी के बीच बहुत मजबूत संबंध था।

केंद्रीय एजेंसी ने राज्य में कथित कोयला लेवी घोटाले के मामले में सौम्या चौरसिया को शुक्रवार को गिरफ्तार किया था।

निदेशालय ने अदालत में कहा कि जांच से यह भी पता चला है कि चौरसिया को सूर्यकांत तिवारी से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बड़ी मात्रा में धन मिला, जिसका उपयोग उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर बेनामी संपत्ति हासिल करने के लिए किया।

एजेंसी ने कहा कि तिवारी ने लगभग 500 करोड़ रुपये एकत्र किए और इसका इस्तेमाल "विधायकों द्वारा पार्टी / चुनाव-संबंधी खर्च" करने के लिए किया गया।

उसने आरोप लगाया कि इस धन का एक बड़ा हिस्सा धन शोधन प्रक्रिया के तहत संपत्तियों और कोयला वाशरी में निवेश किया गया था।

निदेशालय ने अक्टूबर में राज्य में कई शहरों में छापेमारी की थी और मामले में आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई, कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी, उसके रिश्तेदार लक्ष्मीकांत तिवारी और एक अन्य कोयला व्यवसायी सुनील अग्रवाल को गिरफ्तार किया था।