अमृतसर/चंडीगढ़ : गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में कथित रूप से शामिल दो गैंगस्टर अमृतसर के एक गांव में पंजाब पुलिस के साथ करीब पांच घंटे तक चली मुठभेड़ में मारे गए। एक पुलिस अधिकारी ने इसकी जानकारी दी ।

पुलिस ने बताया कि इस मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मी और एक पत्रकार भी घायल हुआ।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रमोद बान ने अमृतसर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि पुलिस के साथ मुठभेड़ में गैंगस्टर जगरूप सिंह रूपा और मनप्रीत सिंह उर्फ मन्नू कुसा मारे गए।

उन्होंने बताया कि यह मुठभेड़ पांच घंटे तक चली जो शाम चार बजे समाप्त हुयी ।

उन्होंने बताया कि पुलिस के साथ भारी गोलीबारी में दोनों मारे गये ।

एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) की अगुवाई करने वाले बान ने बताया कि दोनों के पास से एक एके-47 और एक पिस्तौल बरामद की गयी है । अधिकारी ने बताया कि एक बैग भी बरामद किया गया है लेकिन फोरेंसिक विभाग उसकी जांच करेगी ।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस अभियान के लिये पंजाब पुलिस को बधाई दी है ।

मान ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मेरी सरकार की ओर से गैंगस्टर संस्कृति और असामाजिक तत्वों के खिलाफ शुरू किए गए अभियान में बड़ी सफलता के लिए पंजाब पुलिस और एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स को बधाई ।’’

उन्होंने कहा कि पंजाब में शांति और भाईचारा हर कीमत पर कायम रखा जाएगा।

सिद्धू मूसेवाला के नाम से लोकप्रिय पंजाबी गायक और कांग्रेस नेता शुभदीप सिंह सिद्धू की इस साल 29 मई को प्रदेश के मानसा में गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी ।

रूपा और कुसा अमृतसर में भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट भकना गांव की एक इमारत में छिपे हुये थे । गायक की हत्या के बाद से दोनों गैंगस्टर फरार चल रहे थे।

पुलिस ने कहा कि इलाके की घेराबंदी कर दी गई और स्थानीय लोगों को घरों के अंदर ही रहने को कहा गया ।

उस जगह से गोलियों की आवाजें सुनी गईं जहां माना जा रहा था कि आरोपी छिपे हुए हैं। गांव में भारी पुलिस बलों की तैनाती की गयी थी ।

रुक-रुक कर हो रही फायरिंग के बीच घर की दीवारों पर चारो तरफ से लगी गोलियां देखी जा सकती हैं। जिस इमारत में ये बदमाश छिपे हुए थे, उसके पास बुलेटप्रूफ जैकेट पहने पुलिसकर्मी ट्रैक्टर एवं ट्रॉली की आड़ ले कर जाते देखे गए।

मौके पर दो बख्तरबंद वाहन और कुछ बुलेट प्रूफ वाहन भी तैनात किए गए थे।

बाद में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बान ने कहा कि पंजाब पुलिस की टीमें इन दोनों गैंगस्टर के पीछे लगी हुई थी।

बान ने अभियान के बारे में बताते हुये कहा, ‘‘हमें विभिन्न स्थानों पर उनके पैरों के निशान मिल रहे थे, हमारे पास उनकी गतिविधियों के बारे में ताजा जानकारी थी जो इस क्षेत्र में देखी गई थीं।’’

अधिकारी ने बताया, ‘‘सुबह से, हमारी टीमें इन पर नजर रख रही थीं और उन्हें उस इलाके में देखा गया था। वे भागकर एक घर में चले गए।’’

एजीटीएफ प्रमुख ने कहा कि पंजाब पुलिस ने उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिये कहा लेकिन उन्होंने पुलिस टीम पर गोली बारी शुरू कर दी ।

अधिकारी ने बताया कि लगातार आत्मसमर्पण करने के लिए कहने के बावजूद, उन्होंने पुलिस टीमों पर गोलियां चलाना जारी रखा। उन्होंने बताया कि उन्होंने आत्मसमर्पण नहीं किया। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ साढ़े चार घंटे तक चलती रही।

बान ने कहा, ‘‘लेकिन अंततः भारी गोलीबारी में, वे मारे गए ।’’ उन्होंने कहा कि खुला मैदान होने के कारण घर तक पहुंचना मुश्किल था।

पुलिसकर्मियों के घायल होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुठभेड़ में तीन कर्मी घायल हुए, लेकिन वे खतरे से बाहर हैं।

बान ने कहा कि एक पुलिसकर्मी के सीने में, एक को आंख के पास और तीसरे को जांघ में चोट आई है। उन्होंने कहा कि एक मीडिया हाउस के कैमरामैन को भी पैर में गोली लगी है।

उन्होंने कहा कि फोरेंसिक टीमें वहां पहुंच गई हैं और अपराध स्थल को संरक्षित कर लिया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) और अन्य अदालतों के निर्देशों का पालन करते हुए इसकी वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी और नमूना संग्रह किया जा रहा है।’’

एक सवाल के जवाब में बान ने कहा कि राज्य से बदमाशों का खात्मा किया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हम गैंगस्टर के खिलाफ कार्रवाई करने जा रहे हैं। पंजाब पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि राज्य से इस गैंगस्टर संस्कृति को खत्म किया जाए।’’

बान ने कहा कि यह राज्य में सक्रिय सभी अपराधियों के लिए एक संदेश है, ‘‘या तो आप आत्मसमर्पण करें या कानून अपना काम करेगा ।’’

एक सवाल के जवाब में बान ने कहा कि जिसने भी जांच में हिस्सा लिया और अच्छा प्रदर्शन किया उसे पुरस्कृत किया जाएगा।

पुलिस ने छह निशानेबाजों की पहचान की थी जो मूसेवाला की हत्या में कथित रूप से शामिल दो मॉड्यूल का हिस्सा थे।

दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने तीन निशानेबाजों -प्रियव्रत फौजी, कशिश और अंकित सिरसा को पहले पकड़ा था। रूपा और कुसा दूसरे मॉड्यूल का हिस्सा थे।

समझा जाता है कि कुसा ने मूसेवाला पर गोली चलाई थी। कुसा और रूपा 29 मई को मानसा जिले के जवाहर के गांव में मूसेवाला की कार का पीछा कर रहे थे। यह दोनों टोयोटा कोरोला कार में थे।

अपराध को अंजाम देने के बाद कुसा और रूपा ने एक कार छीनी और भाग गए। यह कार बाद में मोगा जिले में खड़ी पाई गई।