कोलकाता : निर्यातकों के एक संगठन ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से निर्यात भाड़े पर 30 सितंबर को समाप्त होने वाली माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की छूट की अवधि बढ़ाने का आग्रह किया है।

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (फियो) ने चिंता व्यक्त कर कहा कि अगर छूट को नहीं बढ़ाया गया, तो यह बढ़ती ब्याज दरों के बीच नकदी संबंधी चुनौतियां पैदा करेगा।

सरकार ने 2018 में इस छूट की शुरुआत की थी और इसकी समयसीमा में इस साल सितंबर तक दो बार बढ़ाई गई थी।

फियो के अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी के पूर्व स्तर की तुलना में विदेशी माल ढुलाई की दरों में 300 से 350 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अब, इस तरह की दरों में थोड़ी गिरावट आई है लेकिन ये अब भी 2019 के स्तर की तुलना में 200 से 250 प्रतिशत अधिक हैं।’’

उन्होंने कहा कि यदि छूट को फिर से नहीं बढ़ाया जाता है, तो निर्यातकों को निर्यात वाले माल पर 18 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करना होगा, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय सामान की लॉजिस्टिक लागत बढ़ जाएगी।

शक्तिवेल ने कहा, ‘‘भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा हाल ही में ब्याज दरों में वृद्धि के कारण माल ढुलाई की उच्च लागत पर जीएसटी भुगतान का निर्यातकों की तरलता पर महत्वपूर्ण नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।’’

फियो अध्यक्ष ने कहा, ‘‘वैश्विक व्यापार बहुत ही चुनौतीपूर्ण युग में प्रवेश कर रहा है। कई देश उच्च मुद्रास्फीति का सामना कर रहे हैं। जबकि वैश्विक मंदी की आशंका मांग को प्रभावित कर रही हैं।’’

शक्तिवेल ने सीतारमण से निर्यातक उद्योग के लिए जल्द निर्णय लेने का आग्रह किया, जो कठिन दौर से गुजर रहा है।