अमरावती : आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार कृषि क्षेत्र को उच्च प्राथमिकता देने के साथ शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए भी प्रभावी नीतियां लागू कर रही है।

रेड्डी ने नीति आयोग की संचालन परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार कृषि और शिक्षा क्षेत्र में सुधार पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने इस बारे में बैठक में विस्तार से जानकारी भी दी।

मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, रेड्डी ने संचालन परिषद की बैठक में कहा, "वर्ष 2014 में राज्य का बंटवारा होने के बाद आंध्र प्रदेश पूरी तरह से कृषि पर आश्रित राज्य हो चुका है। राज्य की 62 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर है और राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 35 फीसदी अंशदान कर रही है। ऐसी स्थिति में कृषि क्षेत्र में सुधार हमारी उच्च प्राथमिकता बना हुआ है।"

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कृषि उपज की खरीद की निगरानी के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का व्यापक स्तर पर इस्तेमाल कर रही है। इसके अलावा प्राकृतिक एवं जैविक कृषि, फसलों की अदला-बदली और मोटे अनाजों की खेती पर भी राज्य सरकार ध्यान दे रही है।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने आंध्र प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र में किए गए सुधार के लिए शुरू की गई पहलों का भी जिक्र करते हुए कहा कि गरीबी दूर करने में अच्छी शिक्षा की अहमियत को ध्यान में रखते हुए इन कदमों को लागू किया गया है।

उन्होंने कहा, "हम तीन चरणों में 55,000 से अधिक स्कूलों को उन्नत करेंगे और पहले चरण में 15,715 स्कूलों को शामिल किया गया है। इससे छात्रों को पढ़ाई का बेहतर माहौल मिल पाएगा।"

रेड्डी ने कहा कि राज्य में प्रशासन के विकेंद्रीकरण के लिए अप्रैल में 13 नए जिलों का गठन भी किया गया है।